आजकल हर रिश्ते
आजकल हर रिश्ते में कम हो गया है प्यार और बढ़ गया है व्यापार अब रिश्तो की डोर प्यार पर नहीं टिकती अब तो हर रिश्ते पैसो पर बिकती बचपन में अजनबियों के साथ भी खेलते और हसते थे बड़े होकर क्यों भाई -भाई भी झगड़ते है बचपन में सब आधा-आधा बाटा करते थे जिससे अधूरे नहीं पुरे होने का एहसास होता था तो क्यों बड़े होकर आधे आधे में बात जाते है ये तेरा है, ये मेरा है ऐसा कहकर आखिर क्यों अपनों से ही कट जाते है कल तक लगता था सारा जहाँ है हमारा आखिर क्यों एक छोटे से टुकड़े में अपना जहां बसाना पड़ता है कल तक लगता था सबसे पहचान है आज तो अपने भी अनजान है कल जो तेरा है वो मेरा है, जो मेरा है वो तेरा है कहते थे वो तेरा-मेरा रटते है कल तक जो दान दान हुआ करता था आज वो लेन-देन बन चूका है वक़्त की गति में रिश्तो की कीमत खो चुकी है दिमाग से चलता है अब हर रिश्ता दिल ने तो कब का दम तोड़ चुकी है मगर हो चाहे जितना भी अँधेरा उम्मीद छूटी नहीं है रौशनी की सब नहीं मरे है अभी कितनो के दिल में अभी जान बाकी है नहीं हुआ है प्यार ख़तम दुनिया से कुछ की नजर में एक दूसरे के लिए मान बाकी है कुछ लोग अभी भी ऐसे है बुरे ...